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जो आज डाइट प्लान बता रहे है उससे बहुत रोगी ठीक हो चुके है व् अपनी अन्य बीमारियो से मुक्ति पा चुके है किडनी रोग के इलावा भी।कई भाइयो का क्रिएटिनिन और यूरिया की समस्या सही हुयी, उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स भी भेजी, और कई भाइयो को थोड़ी बहुत कन्फ्यूज़न थी के किडनी के रोगी क्या खाए
और क्या सावधानिया रखे, तो उनके लिए आज आप सब को बता रहे हैं किडनी रोगियों के लिए।डाइट चार्ट
हमने सैकडो किड्नी के रोगियों से बात किया
जिससे यह पता चला कि उन्हे क्या खाना चाहिए क्या नही इसके बारे मे उन्हे बताया ही नही गया इसलिए हम अपने अनुभव के आधार पर एक सुन्दर डाइट चार्ट बनकर दे रहा हु फिर भी अपने डॉक्टर और वैद्य को दिखाकर उसमे थोड़ा कम ज्यादा कर सकते है।
किडनी के रोग में परहेज
किड्नी के रोगी को नमकीन चटपटी खट्टी चीजे तली हुई चीजें बेकरी आइटम जैसे पाव, ब्रेड, बटर,खारी बिस्कुट, नान खटाई, सूप, नारियल पानी,जूस, कोल्ड ड्रिंक सभी प्रकार की दाले, करेला,भिन्डी, बैंगन, टमाटर,शिमला मिर्ची, पत्ते वाली सब्जी जैसे पालक, चौराई, मेथी, फलो का रस,सूखा मेवा, अंकुरित दाल, बेसन, पापड़, आचार,चटनी, फरसन, बेकिंग पाउडर एवं सोडा लेने की मनाही है।
किडनी के रोगी के लिए चाय।
अदरक और तुलसी के पत्ते वाली काली चाय मे थोड़ा सा काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, अजवायन और लवंग का चूर्ण डालकर बनाए, सुबह शाम 100- 150ग्राम चाय दे, ध्यान रखे, इसमें चाय पत्ती ना डाले।
किडनी के रोगी के लिए नाश्ता।
उपमा, पोहा, कुरमुरा दलिया, साबुदाना , साबुदाना खिचड़ी।
किडनी के रोगी के लिए रोटी
किडनी के रोगी के लिए रोटी सूखी होनी चाहिए, मतलब बिना घी, तेल लगाये, मक्का, जवार, बाजारी की हो तो उत्तम, नही तो गेहू थोड़ा मोटा पिसा हुआ ले मैदे या बारीक पिसे
आटे की ना बनवाए।
किडनी के रोगी के लिए सब्जी :
हमेशा दो तरह की सब्जी ले एक जमीन के नीचे होने वाली जैसे आलू सूरन, मूली गाजर, शकरकन्द, दूसरी जमीन के उपर वाली लौकी, गोभी पत्ते वाली गोभी,सहजन नेनुआ, तुरई, परवल, रायता आदि।
किडनी के रोगी के लिए सलाद
ककड़ी, खीरा, गाजर, बीट रूट, पत्ते वाली गोभी,मूली, प्याज लेकिन मूली का सेवन रात्रि मे ना करे।
किडनी के रोगी के लिए तेल मसाला:
धनिया,हल्दी, हरि मिर्च, हींग,अजवाइन, दालचीनी, छोटी इलायची, लवंग, बड़ी इलायची,तेजपत्ता, जीरा, स्याह जीरा और तेल शुद्ध सरसो का तेल प्रयोग करे।
किडनी के रोगी के लिए दूध दही पनीर :
गाय का दूध मलाई निकलकर 100 – 150 ग्राम नाश्ते के समय, दही 1 कटोरी दोपहर भोजन के समय और पनीर 30 ग्राम डिनर के साथ ले।
किडनी के रोगी के लिए फल:
सेब बिना छिलके के,बेर,अमरूद, पपीता और अननास मे से कोई एक फल।
किडनी के रोगी के लिए मीठा:1, 2 रसगुल्ला, श्रीखंड। इनमे जो भी आप खाए वो आप कम मात्रा में ही खाए।
Vaid Deepak Kumar के सौजन्य से
गुर्दे की सूजनकारण और उपाय
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कभी-कभी गुर्दे में खराबी के कारण गुर्दे (वृक्क) अपने सामान्य आकार से बड़े हो जाते हैंऔर उसमें दर्द होता है। इस तरह गुर्दे को फूल जाने को गुर्दे की सूजन कहते हैं। इसमें दर्दगुर्दे के स्थान से चलकर कमर तक फैल जाता है।
लक्षण :
गुर्दे रोगग्रस्त होने से रोगी का पेशाब पीले रंग का होता है। इस रोग से पीड़ित रोगी का शरीर भी पीला पड़ जाता है, पलकेसूज जाती हैं, पेशाब करते समय कष्ट होता है, पेशाब रुक-रुककर आता, कभी-कभी अधिक मात्रा में पेशाब आता, पेशाब के साथ खून आता हैऔरपेशाब के साथ धातु आता (मूत्रघात) है। इस रोग से पीड़ित रोगी में कभी-कभी बेहोशी के लक्षण भी दिखाई देते हैं।
भोजन तथा परहेज :
गुर्दे की सूजन से पीड़ित रोगी को भोजन करने के बाद तुरन्त पेशाब करना चाहिए। इससे गुर्दे की बीमारी, कमरदर्द, जिगर के रोग, गठिया, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि आदि अनेक बीमारियों से बचाव होता है।ज्यादा मात्रा में दूध, दही, पनीर व दूध से बनीकोई भी वस्तु न खाएं। इस रोग से पीड़ित रोगी को ज्यादा मांस, मछली, मुर्गा, ज्यादा पोटेशियम वाले पदार्थ, चॉकलेट, काफी, दूध, चूर्ण, बीयर, वाइन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।इस रोग में सूखे फल, सब्जी, केक, पेस्ट्री, नमकीन, मक्खन आदि नहीं खाना चाहिए।
विभिन्न औषधियों से उपचार
1. फिटकरी : भुनी हुई फिटकरी 1 ग्राम दिन में कम से कम 3 बार लेने से गुर्दे की सूजन दूर होती है।
2. दालचीनी : दालचीनी खाने से गुर्दे की बीमारी मिटती है।
3. सत्यानाशी : सत्यानाशी का दूध सेवन करने से गुर्दे का दर्द, पेशाब की परेशानी आदि दूर होती है।
4. तुलसी : छाया में सुखाया हुआ 20 ग्राम तुलसीका पत्ता, अजवायन 20 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इसके सेवन से गुर्दे की सूजन के कारण उत्पन्न दर्द व बैचनीदूर होती है।
5. नारंगी : सुबह नाश्ते से पहले 1-2 नांरगी खाकर गर्म पानी पीना चाहिए या नारंगी का रस पीना चाहिए। इससे गुर्दे की सूजन व अन्य रोग ठीक होता है। नारंगी गुर्दो को साफ रखने में उपयोगी होता है। गुर्दे के रोग में सेब और अंगूर का उपयोग करना भी लाभकारी होता है। गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिए सुबह खाली पेट फलों का रस उपयोग करें।
6. गाजर : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर के बीज 2 चम्मच 1 गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इससे पेशाब की रुकावट दूर होती है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।
7. बथुआ : गुर्दे के रोग में बथुआ फायदेमन्द होता है। पेशाब कतरा-कतरा सा आता हो या पेशाब रुक-रुककर आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
8. अरबी : गुर्दे के रोग और गुर्दे की कमजोरी आदि को दूर करने के लिए अरबी खाना फायदेमन्द होता है।
9. तरबूज : गुर्दे के सूजन में तरबूज खाना फायदेमन्द होता है।
10. ककड़ी : गाजर और ककड़ी या गाजर और शलजम का रस पीने से गुर्दे की सूजन, दर्द व अन्य रोग ठीक होते हैं। यह मूत्र रोग के लिए भी लाभकारी होता है।
11. आलू : गुर्दे के रोगी को आलू खाना चाहिए। इसमें सोडियम की मात्रा बहुत पायी जाती है औरपोटेशियम की मात्रा कम होती है।
12. चंदन : चंदन के तेल की 5 से 10 बूंद बताशे परडालकर दूध के साथ प्रतिदिन 3 बार खाने से गुर्दे की सूजन दूर होती है और दर्द शान्त होता है।
13. सिनुआर : सिनुआर के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम खाने से गुर्दे की सूजन मिटती है। साथ ही सिनुआर, करन्ज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म करके गुर्दे के स्थान पर बांधने से लाभ मिलता है।
14. हुरहुर : पीले फूलों वाली हुरहुर के पत्तों को पीसकर नाभि के बाएं व दाएं तरफ लेप करने से फायदा होता है।
16. कलमीशोरा : कलमीशोरा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में गोखरू के काढ़े के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। यह गुर्दे की पथरी के साथ होने वाले दर्द को दूर करता है।
15. आम : प्रतिदिन आम खाने से गुर्दे की कमजोरीदूर होती है।18. मकोय : मकोय का रस 10-15 मिलीलीटर की मात्रामें प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे गुर्दे और मूत्राशय की सूजन व पीड़ा दूर होती है।
16. जंगली प्याज : कन्द का चूर्ण, ककड़ी के बीज और त्रिफला का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर आधा चम्मच दिन में 2 बार सुबह-शाम प्रतिदिन खिलाने से गुर्दे के रोग में आराम मिलता है।
17. मूली : गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो गया हो तो मूली का रस 20-40 मिलीलीटर दिन में 2से 3 बार पीना चाहिए।पेशाब में धातु का आना (मूत्राघात) रोग में मूली खाना लाभकारी होता है।मूली के पत्तों का रस 10-20 मिलीलीटर और कलमीशोरा का रस 1-2 मिलीलीटर को मिलाकर रोगी को पिलाने से पेशाब साफ आता है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।प्रतिदिन आधा गिलास मूली का रस पीने से पेशाबके समय होने वाली जलन और दर्द दूर होता है।
18. अडूसा (वासा): अडूसे और नीम के पत्ते को गर्म करके नाभि के निचले भाग पर सिंकाई करें और अडूसे के पत्तों का 5 मिलीलीटर रस व शहद 5 ग्राम मिलाकर पीने से गुर्दे के भयंकर दर्द तुरन्त ठीक होता है।
19. पान: पान का सेवन करने से गुर्दे की सूजन व अन्य रोग में लाभ मिलता है।
20. पुनर्नवा : पुनर्नवा के 10 से 20 मिलीलीटर पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा सेवन करने से गुर्दे के रोगों में बेहद लाभकारी होता है।
21. नींबू : नींबू के पेड़ की जड़ का चूर्ण 1 ग्राम पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से गुर्दे की बीमारी में लाभ मिलता है।लौकी के टुकड़े-टुकड़े करके गर्म करके दर्द वाले जगह पर रखने और इसके रस से मालिश करने से गुर्दे का दर्द जल्द ठीक होता है।
22 लौकी : लौकी के रस से गुर्दे वाले स्थान पर मालिश करने और पीस करके लेप करने से गुर्दे का दर्द तुरन्त कम हो जाता है।
23. अंगूर : अंगूर की बेल के 30 ग्राम पत्ते को पीसकर नमक मिले पानी में मिलाकर पीने से गुर्दे का दर्द ठीक होता है।
24. अपामार्ग : अपामार्ग की 5-10 ग्राम ताजी जड़को पानी में घोलकर गुर्दे के दर्द से पीड़ित रोगी को पिलाने से दर्द में तुरन्त आराम मिलता है। यह औषधि मूत्राशय की पथरी को टुकड़े-टुकड़े करके निकाल देती है।
25. एरण्ड : एरण्ड की मींगी को पीसकर गर्म करकेगुर्दे वाले स्थान पर लेप करने से गुर्दे की सूजन व दर्द ठीक होता है ....धन्यवाद